Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

शीर्षक:दर्द स्त्री का

२३-
नहीं था पता उसे नही परख पाई थी
उसकी छल भरी चाल को
इच्छाओं का पिटारा जो खोल रख दिया था
अपनत्व से अपना सिर्फ अपना मान कर
चलती रही उसके बताए मार्ग पर साथी समझकर
मान करते हुए उसकी सम्पूर्ण इच्छाओं का
नहीं था पता उसे नही परख पाई थी
उसकी छल भरी चाल को
छली जाती रही हर मिलन पर उसी के द्वारा
बीतती उम्र में मानो भरोसा कर गलती कर बैठी हो
कोमल स्पर्श से लगा उसको शायद मिली प्रीत मुझे
नही था उसको आभास कि भरोसा टूटेगा
नहीं था पता उसे नही परख पाई थी
उसकी छल भरी चाल को
तार तार करेगा वही जिस पर कर बैठी थी भरोसा
नही मालूम उसको कि रौंदने तक रहेगा बस साथ
नजाने क्यों होता हैं अक्सर यही उसके साथ
नही कह पाती वह अपने मन की पीड़ा किसी को
नहीं था पता उसे नही परख पाई थी
उसकी छल भरी चाल को
क्यों नही उसकी पारखी नजर परख पाई उसको
कहाँ चूक रही बस वही पीड़ा का दर्द रहती हुई
स्त्री के हिस्से में तो सिर्फ और सिर्फ दर्द ही दर्द
न जाने कितनी असीम पीड़ाओं का समावेश
नहीं था पता उसे नही परख पाई थी
उसकी छल भरी चाल को
नही मिलता कभी जो भी चाह होती उसकी
जो भी जीवन मे आता बस अपनी चाह पूरी करता
रह जाती बस उसके पास ठगे जाने की पीड़ा
नही भूल पाती पीड़ा का दर्द ताउम्र बेचारी
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
2 Likes · 183 Views
Books from Dr Manju Saini
View all

You may also like these posts

नारी वेदना के स्वर
नारी वेदना के स्वर
Shyam Sundar Subramanian
2874.*पूर्णिका*
2874.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नया वर्ष नया हर्ष,खुशियों का नवदर्श|
नया वर्ष नया हर्ष,खुशियों का नवदर्श|
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
काश कुछ ख्वाब कभी सच ही न होते,
काश कुछ ख्वाब कभी सच ही न होते,
Kajal Singh
बिटिया नही बेटों से कम,
बिटिया नही बेटों से कम,
Yogendra Chaturwedi
पद
पद "काव़्य "
Subhash Singhai
F
F
*प्रणय*
तुम्हारी शरारतें
तुम्हारी शरारतें
Dr. Rajeev Jain
स्वर्णमुखी छंद
स्वर्णमुखी छंद
Rambali Mishra
राजनीति और प्यार
राजनीति और प्यार
guru saxena
पीठ के नीचे. . . .
पीठ के नीचे. . . .
sushil sarna
दूबे जी का मंच-संचालन
दूबे जी का मंच-संचालन
Shailendra Aseem
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया
Pankaj Bindas
आध्यात्मिक जीवन जीने का सरल उपाय। ~ रविकेश झा
आध्यात्मिक जीवन जीने का सरल उपाय। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
कितनी उम्मीदें
कितनी उम्मीदें
Dr fauzia Naseem shad
छन्द- वाचिक प्रमाणिका (मापनीयुक्त मात्रिक) वर्णिक मापनी – 12 12 12 12 अथवा – लगा लगा लगा लगा, पारंपरिक सूत्र – जभान राजभा लगा (अर्थात ज र ल गा)
छन्द- वाचिक प्रमाणिका (मापनीयुक्त मात्रिक) वर्णिक मापनी – 12 12 12 12 अथवा – लगा लगा लगा लगा, पारंपरिक सूत्र – जभान राजभा लगा (अर्थात ज र ल गा)
Neelam Sharma
पेड़ लगाएं पेड़ बचाओ !!
पेड़ लगाएं पेड़ बचाओ !!
Seema gupta,Alwar
एक अधूरी कविता।
एक अधूरी कविता।
manorath maharaj
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
कवि रमेशराज
योगा मैट
योगा मैट
पारुल अरोड़ा
प्यार अगर है तुमको मुझसे
प्यार अगर है तुमको मुझसे
Shekhar Chandra Mitra
Nhà cái AB77 là nền tảng cá cược uy tín, chuyên nghiệp với đ
Nhà cái AB77 là nền tảng cá cược uy tín, chuyên nghiệp với đ
Ab77
मतदान
मतदान
Dr Archana Gupta
*बुरी बात को बुरा कह सकें, इतना साहस भर दो (गीत)*
*बुरी बात को बुरा कह सकें, इतना साहस भर दो (गीत)*
Ravi Prakash
"वन्देमातरम"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या घबराना ...
क्या घबराना ...
Meera Thakur
तन्हाई एक रूप अनेक
तन्हाई एक रूप अनेक
ओनिका सेतिया 'अनु '
लो आ गए हम तुम्हारा दिल चुराने को,
लो आ गए हम तुम्हारा दिल चुराने को,
Jyoti Roshni
कौन करें
कौन करें
Kunal Kanth
Loading...