शीर्षक:करता चल उजियारा
करता चल उजियारा———–
आज कर एक काम कमाल
ये भी हो जाएगा ख़ुशहाल
दिए बोल रहे हैं आज इसके
छोड़ मत लेता चल हमको
कुम्हार भी बोला आज यूँ मुझ से,
ले जाओ जी कुछ दिए आप मुझसे
मेरे घर भी हो जाएगी दिवाली और
रोशन घर आँगन आपका दियो से
मुझसे लेते जाओ कुछ दिए आप
मैं फिर चाक चढ़ाऊंगा मिट्टी
आपके लिए दिए और घड़े
कर्म अपना किया मैंने तो पूर्ण
गीता कहती कर्म का सार
मेरा तो मिट्टी से ही आर और पार
आपका सम्बल मिले यही आस
मेरे साथ रहो मेरे घर मे भी प्रकाश
सूरज समान जगमग होंगे दिए
उजियाला फलायेंगे आपके घर
ज्योति मिलेगी होगा कोने कोने प्रकाश
बस दो सम्बल मुझे होगा उपकार
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद