शीर्षक:एक मुलाकात
एक मुलाकात आज स्त्री के साथ
जो हर दम चलती है परिवार के साथ
ताउम्र करती हैं सेवा सुश्रुशा लगाकर जान
लड़ती,झगड़ती पर परिवार की होती जान
परिवार के लिए खटती रहती दिन रैन
सभी की खुशी में मिलता उसको चैन।
एक मुलाकात आज स्त्री के साथ
जो हर दम चलती है परिवार के साथ
पति के लिए करती सोलह श्रंगार
और संतान से करती असीम सा प्यार
चाहती बस तुमसे थोड़ा सा संम्मान
और लगा देती हैं परिवार में जी जान।
एक मुलाकात आज स्त्री के साथ
जो हर दम चलती है परिवार के साथ
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद