शीर्षक:आज मौसम ने कुछ यूँ
ये लो….
आज मौसम ने कुछ यूँ
खुशियां मनाई
उड़ती उड़ती धूल को
फिर से धरती पर
लौटा आई
ये लो…
रात भर बरसा जम कर सलिल
गर्मी को दी मात जो हो रही थी कातिल
महीनों से प्यासी धरा को
जम कर पिलाया पानी
आज मौसम ने कुछ यूँ
ये लो…
बिन सावन नजारा दिखाया
हरियाली से फिर पेड़ो को सजाया
पत्ती पत्ती की मुस्कान लौटी
सोंधी सी सुगंध सी फैली
आज फिर से बेमौसम ही
बारिश की बहार आई
ये लो…