शिव
शिव
प्यारी गौरी
भक्ति भाव संग
शरण तुम्हारी
आई।
सावन
रिमझिम फुहारें
शिव – शक्ति वंदन
लीन होती
जाऊं।
शक्ति
शरण जाकर
शुचिता शुभदा मिलती
मातृ वंदन
करती।
महादेव
संग शक्ति
जलती ज्ञान ज्योति
करती शुचि
भक्ति।
डॉ माधवी मिश्रा ‘शुचि ‘
शिव
प्यारी गौरी
भक्ति भाव संग
शरण तुम्हारी
आई।
सावन
रिमझिम फुहारें
शिव – शक्ति वंदन
लीन होती
जाऊं।
शक्ति
शरण जाकर
शुचिता शुभदा मिलती
मातृ वंदन
करती।
महादेव
संग शक्ति
जलती ज्ञान ज्योति
करती शुचि
भक्ति।
डॉ माधवी मिश्रा ‘शुचि ‘