“शिव शंकर का कैलाश पर्वत”
भोलेनाथ का वास है जहां।
सुख की आराधना होती है वहां।
भक्तों की आस है जहां।
वह है शिव शंकर का कैलाश पर्वत।
पग पहुंचते ही होता है शांति का अनुभव उससे।
चारों दिशाओं के पर्वत घेरे हैं उसे।
सारे पर्वतों का सुंदर मुकुट है वह।
वह है शिव शंकर का कैलाश पर्वत।
नदियां झरने सब है उसके आस पास।
ओम नमः शिवाय गूंजता रहता है उसमें।
जीवन काल में ही मोक्ष पा लेते हैं लोग इससे।
वह है शिव शंकर का कैलाश पर्वत।
जटिल मार्ग हैं गहरी खाईयां हैं।
जब पुकारता है अपने भक्तों को।
पहुंच जाते हैं बिना कठिनाइयों के उसके पास।
वह है शिव शंकर का कैलाश पर्वत।
एक मनोरम अकल्पनीय दृश्य है वह।
प्रकृति का अविश्वसनीय उपहार है वह।
हर तपस्या का अद्भुत परिणाम है वह।
वह है शिव शंकर का कैलाश पर्वत।
सौंदर्य का अबोध भंडार है वह।
प्रत्येक मनोकामना पूरी होने का स्थान है वह।
सूर्य का सर्वप्रथम स्पर्श है वह।
वह है शिव शंकर का कैलाश पर्वत।
वह है भोले शंकर का कैलाश पर्वत।
वह है शिव शंभू का कैलाश पर्वत।
वह है महेश्वर का कैलाश पर्वत।