‘शिक्षा’
शिक्षा है एक मंत्र ज़रूरी
जो न करते पालन इसका
उसे न मिलती जीवन की मंजूरी।
जिसने भी इसका अलख है जगाया,
संसार में अति सम्मान है पाया।
बिना इसके न चल सकती विकास की गाड़ी,
यह तो सभी मूल्यों पर भारी।
पाकर इसे जाना जीवन की सच्चाई,
बिना इसके न कोई बात है भाई।
आदर्शों पर इसके क़ायम संसार है,
इसके ज्ञान भंडारों की महिमा अपार है।
हर किसी के दिल में प्यार जगाना है,
जन – जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाना है।
पाकर इसे हो जाते ज्ञानी,
इसका ना दुनिया में सानी।
शिक्षा से अंतर्मन के अंधकार मिटेंगे,
इसके अलख से दुःख के बादल छठेंगे।
बिन इसके अस्तित्व ही संभव नहीं,
राहों में मिलते संघर्ष भी कँही – कँही।
सोनी सिंह
बोकारो(झारखंड)