शिक्षा
चैन से कैसे सोऊँ मैं, मुझे शिक्षा की अलख जगानी है,
मेरे देश में जड़ जमा चुकी हर बुराई दूर मैंने भगानी है।
शिक्षा से ही बदलाव संभव है, शिक्षा ही बदलेगी दिशा,
शिक्षा की अखण्ड ज्योति मुझे अब घर घर जगानी है।
शिक्षा रूपी हथियार खत्म करेगा गरीबी, भुखमरी को,
प्रत्येक भारत वासी को ये बात अब मुझे समझानी है।
बंदूक से नहीं हो सकता है समाधान समस्याओं का,
समझा कर भटके हुओं को कलम अब पकड़वानी है।
भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को शिक्षा मिटा सकती है,
खत्म कर सब बुराइयों को खुशहाली अब फैलानी है।
अज्ञानता केवल शिक्षा के उजाले से ही दूर होगी,
असमानता की खाई शिक्षा से अब मुझे मिटानी है।
जब शिक्षित होगा संपूर्ण भारत बात ही अलग होगी,
सुनहरी तस्वीर सपनों के भारत की मुझे बनानी है।
गुरु श्री रणबीर सिंह पर ली मैंने शिक्षा कविताई की,
शिक्षा से सुलक्षणा नेताओं की अक्ल ठिकाने लानी है।
©® डॉ सुलक्षणा अहलावत