Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2020 · 1 min read

शिक्षक मेरा अभिमान

******* शिक्षक मेरा अभिमान *******
********************************

गुरु बिना गति नहीं कह गए लोग विद्वान
शिक्षक सम्मान कीजिए,जग में ऊँची शान

शिक्षक दर्जा होता है देवी देवताओं समान
अज्ञानी को तराश कर बना देता है विद्वान

ज्ञान बाँटना जगत में है शिक्षक का काम
झोली भर के लीजिए ज्ञान मिले बिन दाम

राष्ट्र निर्माण में शिक्षक का अहम योगदान
जहां गुरु विराजमान हो वहांँ राहें आसान

अनुशासनप्रिय सदभावी ज्ञान का भंडार
शिक्षार्थी का सर्वांगीण करे विकास अपार

शिक्षक दिवस साल में आता है एक बार
अर्पित शिक्षक को करें श्रद्धापुष्प पुरस्कार

शिक्षक शिक्षार्थी का करे भविष्य निर्माण
निस्वार्थ भाव ज्ञानार्जन से राहें हों आसान

शिक्षक मेरा अभिमान ,कोटि कोटि प्रणाम
समस्त शिक्षक वर्ग को शत शत है सलाम

मनसीरत करबद्ध गुरुजन हार्दिक आभार
स्वर्णिम जीवन हेतु वंदन अभिनंदन साभार
*********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 261 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
घाव करे गंभीर
घाव करे गंभीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जोश,जूनून भरपूर है,
जोश,जूनून भरपूर है,
Vaishaligoel
आशा
आशा
Sanjay ' शून्य'
गौरैया
गौरैया
Dr.Pratibha Prakash
स्त्री एक देवी है, शक्ति का प्रतीक,
स्त्री एक देवी है, शक्ति का प्रतीक,
कार्तिक नितिन शर्मा
' समय का महत्व '
' समय का महत्व '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
काव्य में सहृदयता
काव्य में सहृदयता
कवि रमेशराज
"कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है
Atul "Krishn"
मेरे विचार
मेरे विचार
Anju
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
gurudeenverma198
बाल कविता: चूहे की शादी
बाल कविता: चूहे की शादी
Rajesh Kumar Arjun
रंग रंगीली होली आई
रंग रंगीली होली आई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
SPK Sachin Lodhi
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
Er.Navaneet R Shandily
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सुकरात के शागिर्द
सुकरात के शागिर्द
Shekhar Chandra Mitra
'हिंदी'
'हिंदी'
पंकज कुमार कर्ण
बेटियां
बेटियां
Neeraj Agarwal
कभी कभी ये पलकें भी
कभी कभी ये पलकें भी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*प्यार या एहसान*
*प्यार या एहसान*
Harminder Kaur
कल्पना ही हसीन है,
कल्पना ही हसीन है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
Sukoon
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*मृत्यु-चिंतन(हास्य व्यंग्य)*
*मृत्यु-चिंतन(हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
अँधेरे में नहीं दिखता
अँधेरे में नहीं दिखता
Anil Mishra Prahari
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
Manisha Manjari
■ आज की सोच...
■ आज की सोच...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...