शिक्षक दिवस
शिक्षक हैं महान शिक्षक को सलाम
शिक्षक दिवस पर कोटि कोटि प्रणाम
भविष्यनिर्माणकर्ता और है सृजनहार
कच्ची मिट्टी को देता है निश्चित आकार
संसार में अब तक नहीं किसी का है
शिक्षक पदनाम जितना मान सम्मान
प्रथम शिक्षक होती है जननी पालक माँ
द्वितीय दर्जा होता शिक्षक पर पहले माँ
शिक्षक चरण धूलि से नहीं हैं पवित्र थां
शिक्षक के ओहदे में मिलता दुआ सलाम
स्वयं चलकर बच्चों को राह दिखाता हैं
कच्ची मिट्टी में से हीरे मोती तराशता है
खुद जलकर औरों को प्रकाश दिखाता है
शिक्षक सारे जग में कहलाता है महान
छात्र अध्यापक ऐसे जैसे हों दिया बाती
सोई हुई प्रतिभा निज प्रयासों से जगादी
प्रेरणा से है करता शिक्षक ऊर्जा संचार
शिक्षक मार्गदर्शक प्रेरक का करता काम
सदभावी सदगुणों का वो करता है निर्माण
संस्कृति संस्कारों से करता हैं राष्ट्र निर्माण
धरातल से व्य़ोम तक शिक्षा प्रचार प्रसार
जन नागरिक को बनाता है अच्छा ईंसान
हीरे की कीमत पहचानता है जौहरी समान
पढा लिखा कर बनाता हैं वो अच्छा ईन्सान
अच्छी आदतों का शिक्षक करता है निर्माण
रहा सदा पछताताजो न करें शिक्षक सम्मान
आओ मिलकर करते हैं पारित एक फरमान
शिक्षक दिवस पर करते हैं शिक्षक सम्मान
क्शिक्षक का कभी वंचित न कहो अधिकार
शिक्षक का ऐसे ही होता रहे सदा मान सम्मान
शिक्षक है महान शिक्षक को सलाम हो सदा
शिक्षक दिवस पर कोटि कोटि प्रणाम हो हदा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत