शिक्षक दिवस
बिन गुरु जीवन क्षीण हैं, जैसे प्राण विहीन शरीर।
शिक्षक जीवन ज्योति हैं, लागे सुर सरिता संगीत ।। 1
बिन जल सुमन, सरोवर जैसे।
ज्ञान गुरु बिन, जीवन हैं रे ।। 2
Shyamsingh Lodhi Rajput “Tejpuriya”
बिन गुरु जीवन क्षीण हैं, जैसे प्राण विहीन शरीर।
शिक्षक जीवन ज्योति हैं, लागे सुर सरिता संगीत ।। 1
बिन जल सुमन, सरोवर जैसे।
ज्ञान गुरु बिन, जीवन हैं रे ।। 2
Shyamsingh Lodhi Rajput “Tejpuriya”