Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2021 · 1 min read

शिकवा

चलते चलते शिकवा किया
ओ जिंदगी हम कभी मिल न सके
जिंदगी ने कहा मैं दूर जरूर थी तुझसे
पर इतनी भी नही कि तू उचक कर छू न सके

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 234 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
करके ये वादे मुकर जायेंगे
करके ये वादे मुकर जायेंगे
Gouri tiwari
"कुछ भी असम्भव नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
VINOD CHAUHAN
हिंदी क्या है
हिंदी क्या है
Ravi Shukla
"दोस्ती क्या है?"
Pushpraj Anant
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*पहचान* – अहोभाग्य
*पहचान* – अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आखिर कब तक ?
आखिर कब तक ?
Dr fauzia Naseem shad
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
शेखर सिंह
श्री नेता चालीसा (एक व्यंग्य बाण)
श्री नेता चालीसा (एक व्यंग्य बाण)
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
Rituraj shivem verma
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
डॉ. दीपक मेवाती
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
gurudeenverma198
खोखला अहं
खोखला अहं
Madhavi Srivastava
संविधान  की बात करो सब केवल इतनी मर्जी  है।
संविधान की बात करो सब केवल इतनी मर्जी है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
पुस्तक समीक्षा- उपन्यास विपश्यना ( डॉ इंदिरा दांगी)
पुस्तक समीक्षा- उपन्यास विपश्यना ( डॉ इंदिरा दांगी)
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
जगदीश शर्मा सहज
सेहत या स्वाद
सेहत या स्वाद
विजय कुमार अग्रवाल
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
एक बेटी हूं मैं
एक बेटी हूं मैं
Anil "Aadarsh"
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
Neelam Sharma
आप अच्छे हो उससे ज्यादा,फर्क आप कितने सफल
आप अच्छे हो उससे ज्यादा,फर्क आप कितने सफल
पूर्वार्थ
हे मन
हे मन
goutam shaw
"सत्ता से संगठम में जाना"
*Author प्रणय प्रभात*
धीरे धीरे
धीरे धीरे
रवि शंकर साह
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
सत्य कुमार प्रेमी
निकाल देते हैं
निकाल देते हैं
Sûrëkhâ Rãthí
Loading...