शालिनी छन्द
शालिनी छन्द
222 2, 21 221 22
राधे कृष्णा, नाम जो भी जपेंगे
प्राणी तेरे, काम सारे बनेंगे
प्रातः संध्या, नित्य तू जो जपेगा
कान्हा तेरा, ध्यान पूरा रखेगा
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आया हूँ मैं, द्वार मैया तुम्हारे
मैया मेरी, नाव तेरे सहारे
भक्तों की हो, आप माँ कष्ट हारी
मेरी है ये अर्ज आशा तुम्हारी
अभिनव मिश्र अदम्य