शारदे वंदना
हे शारदे मॉं श्वेतवसना जगत का कल्याण कर ,
पथभ्रमित हो रहे हम शिशु तुम्हारे,
तू हमारा उद्धार कर।
अज्ञानता के तम में डूबे,
तू ज्ञान का है प्रकाश भर।
हम नादान बालक हैं तुम्हारे,
तू हम पर है विश्वास कर।
स्वर,ताल लय छंद भूले
छल दम्भ पाखंड द्वेष झूले।
हमारे गीत और संगीत में
नित वीणा की झंकार भर।
हे पापनाशिनी बुद्धिप्रदायिनी
कामलासिनी शारदे माँ
श्रीहीन हैं हम शिशु तुम्हारे
अपनी दया की दृष्टि देकर
हम सबका है उद्धार कर।
हर व्यसन से हम बचे रहे,
राष्ट्र हित हम सदा झुके।
मन में हमारे कोई अभिमान न हो,
इतना है तू प्रयास कर।
हे वीणापाणि पुस्तकधारिणी ,
तू कुछ तो चमत्कार कर।
मेरे कलम को गति प्रदान कर,
मुझ पर अपना आशीष भर।