शारदे माँ
शारदे ! माँ, है नमन ।
चरणों मे तेरे है नमन ।।
वाणी से तेरी वंदना
मैं कर संकू ।
अधर पर आराधना
स्वर धर सकूं ।।
गा मधुर गीतों से तेरी
अर्चना हित दूँ सुमन ।
शारदे ! माँ, है नमन ।
चरणों मे तेरे है नमन ।।
तेरी वीणा के जगत
में गूँजें स्वर ।
तिमिर यह अज्ञान
अन्तस् दूर कर ।।
नव प्रकाशों से भरे नित
ऊर्जित होवे गगन ।
शारदे ! माँ, है नमन ।
चरणों मे तेरे है नमन ।।
– सतीश शर्मा
नरसिंहपुर (म.प्र.)