@@ शायरी @@
जिस्म की तलाश में.
गुजार गया वो राते अपनी
कभी कोठे पर और
कभी मैखाने में..
फनाह होता देखा रूप सबका
जब देखा एक मुर्दे को
शमशान की तरफ
कांधे पर सब के जाते हुए ..
जिस्म की तलाश में.
गुजार गया वो राते अपनी
कभी कोठे पर और
कभी मैखाने में..
फनाह होता देखा रूप सबका
जब देखा एक मुर्दे को
शमशान की तरफ
कांधे पर सब के जाते हुए ..