शायद वो खत तूने बिना पढ़े ही जलाया होगा।।
शायद वो खत तूने बिना पढ़े ही जलाया होगा।। मुझे छोड़ने से पहले तुझे वह किस्सा याद आया होगा।। जख्म वो रंगीन हो गए होंगे जिन पर कभी मैंने मरहम लगाया होगा।और भेजा था जो खत उस रात तुझे पढ़ने के लिए शायद वह तूने बिना पढ़े ही जलाया होगा। और मेरी यादों ने तुझे रुलाया होगा उस वक्त तूने मेरा नाम गुनगुनाया होगा। टोंका होगा तेरे सौहर ने मारने पर उतर आया होगा। और हो गई होगी किसी और की इक दफा भी मेरा ख्याल ना आया होगा। और की होगी जब बेवफाई तेरे अपनों ने तो मेरी वफाई का किस्सा याद आया होगा।।
★IPS KAMAL THAKUR ★