शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना ख्वाहिश, शौक़,उम्मीदों का तो बेहतर हीं था मर जाना