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13 Sep 2017 · 1 min read

श्राद्ध पक्ष मे मान

जीते जी औलाद का, मिला न जिनको प्यार ।
पितृ पक्ष में हो रहा, …..उनका भी सत्कार ।।

जीते जी माँ बाप को,…नही पिलाया ऩीर ।
श्राद्ध पक्ष में मे शान से,उन्हे खिलाते खीर ।।

जिन्दा थे तब तो कभी, लिया न आशीर्वाद ।
श्राद्ध पक्ष में कर रहे,…उन पुरखों को याद ।।

श्राद्ध पक्ष में कर रहे, तर्पण व्यक्ति तमाम ।
श्रद्धा के अनुरूप ही,…..पाते हैं परिणाम ।।

मरके भी जो श्राद्ध मे,खिला रहे हैं माल ।
बडें बुजुर्गों का इसे,कहिए मित्र कमाल ।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 540 Views
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