शाम
शाम
आज की गर्मी से राहत दिलाती ढलती हुई शाम
बच्चो को घर बाहर खिलाने ले जाती हुई ये शाम
चकोर को भी तो इंतजार है चांद का जो आएगा
दिन के जाते ही हया में डूब के मुस्कुराती हुई शाम
बच्चे दौड़ेंगे गलियों में लेकर बेट और बॉल
यदि गांव में देखे तो किसान लौटेंगे संग हल
पशु पंक्षी खुश होकर चहकेंगे दाना देना डाल
समीर वहेगा कुछ शीतल होगा तरुवर का हाल