Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2024 · 1 min read

शातिर हवा के ठिकाने बहुत!

है शातिर हवा के ठिकाने बहुत!
है मेरे नशेमन में नशे के मुहाने बहुत!!
सर्द हवाओं के झोंके लगते है तीरे नश्तर!
इसलिये हैं पीने-पिलाने के बहाने बहुत!!
गरीबो को मयस्सर नहीं है ,चादर-रजाई!
और रइसो के वास्ते है मयखाने बहुत!!

बोधिसत्व कस्तूरीया एडवोकेट कवि पत्रकार सिकंदरा आगरा 282007 मो;9412443094

Language: Hindi
160 Views
Books from Bodhisatva kastooriya
View all

You may also like these posts

मुक्तक (विधाता छन्द)
मुक्तक (विधाता छन्द)
जगदीश शर्मा सहज
करें स्वागत सभी का हम जो जुड़कर बन गए अपने
करें स्वागत सभी का हम जो जुड़कर बन गए अपने
DrLakshman Jha Parimal
वीरमदे
वीरमदे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जाने क्यूं मुझ पर से
जाने क्यूं मुझ पर से
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*आख़िर कब तक?*
*आख़िर कब तक?*
Pallavi Mishra
घनाक्षरी छंद
घनाक्षरी छंद
Rajesh vyas
आज   भी   इंतज़ार   है  उसका,
आज भी इंतज़ार है उसका,
Dr fauzia Naseem shad
यादों के झरोखे से
यादों के झरोखे से
Usha Gupta
तू ज्वाला की तिल्ली हो
तू ज्वाला की तिल्ली हो
उमा झा
प्यार में धोखा खा बैठे
प्यार में धोखा खा बैठे
Jyoti Roshni
गहरे ज़ख्म मिले हैं जिंदगी में...!!!!
गहरे ज़ख्म मिले हैं जिंदगी में...!!!!
Jyoti Khari
पापी करता पाप से,
पापी करता पाप से,
sushil sarna
कविता – खुजली और इलाज
कविता – खुजली और इलाज
Dr MusafiR BaithA
-Relationships require effort.
-Relationships require effort.
पूर्वार्थ
हम घर रूपी किताब की वह जिल्द है,
हम घर रूपी किताब की वह जिल्द है,
Umender kumar
(कहानी)
(कहानी) "सेवाराम" लेखक -लालबहादुर चौरसिया लाल
लालबहादुर चौरसिया लाल
आंखन तिमिर बढ़ा,
आंखन तिमिर बढ़ा,
Mahender Singh
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"स्त्री के पास"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल का हाल
दिल का हाल
Ram Krishan Rastogi
हमारी प्यारी मां को जन्म दिन की बधाई ..
हमारी प्यारी मां को जन्म दिन की बधाई ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
खुद को खुद में ही
खुद को खुद में ही
Seema gupta,Alwar
*जाते तानाशाह हैं, कुर्सी को जब छोड़ (कुंडलिया)*
*जाते तानाशाह हैं, कुर्सी को जब छोड़ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Ayushi Verma
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
तू दूरबीन से न कभी ढूँढ ख़ामियाँ
तू दूरबीन से न कभी ढूँढ ख़ामियाँ
Johnny Ahmed 'क़ैस'
कुछ काम कर
कुछ काम कर
डिजेन्द्र कुर्रे
4581.*पूर्णिका*
4581.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*परियों से  भी प्यारी बेटी*
*परियों से भी प्यारी बेटी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मजदूर
मजदूर
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...