Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2022 · 1 min read

कैसा हूं मैं

किसी दरख्त से लटके अकेले पत्ते के जैसा हूँ मैं,
मुसल्सल आँधियों में जूझती उस लौ–सा हूँ मैं।

है सब यहाँ, पर मेरा अपना यहाँ कुछ भी नहीं,
अपने ही घर में कुछ खोया, कुछ गुमशुदा हूँ मैं।

मेरे तौर-तरीकों से बड़े परेशान रहते सब आज-कल,
कहते हैं लोग कि कुछ ऐसा कुछ वैसा हूँ मै ।

मेरी मजबूती की देते हैं यहाँ लोग मिसालें बहुत,
अपनी ही खामियों का गढ़ा एक फ़साना हूँ मैं ।

ज़माना हुआ, नहीं पूछा किसी ने मुझसे हाल मेरा,
एक माँ ही हर रोज़ पूछती है की ‘कैसा हूँ मैं।।

©अभिषेक पाण्डेय अभि

41 Likes · 8 Comments · 318 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*पशु- पक्षियों की आवाजें*
*पशु- पक्षियों की आवाजें*
Dushyant Kumar
■ कविता / स्वान्त सुखाय :-
■ कविता / स्वान्त सुखाय :-
*Author प्रणय प्रभात*
कल सबको पता चल जाएगा
कल सबको पता चल जाएगा
MSW Sunil SainiCENA
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
Bidyadhar Mantry
हौसला
हौसला
Shyam Sundar Subramanian
मत बांटो इंसान को
मत बांटो इंसान को
विमला महरिया मौज
हवाएँ
हवाएँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
Chunnu Lal Gupta
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
Rohit Kumar
*नारियों को आजकल, खुद से कमाना आ गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*नारियों को आजकल, खुद से कमाना आ गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
खुद की अगर खुद से
खुद की अगर खुद से
Dr fauzia Naseem shad
जहरीले धूप में (कविता )
जहरीले धूप में (कविता )
Ghanshyam Poddar
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
Sanjay ' शून्य'
गर्मी आई
गर्मी आई
Manu Vashistha
जरा सी गलतफहमी पर
जरा सी गलतफहमी पर
Vishal babu (vishu)
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
3095.*पूर्णिका*
3095.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां का हृदय
मां का हृदय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
6-
6- "अयोध्या का राम मंदिर"
Dayanand
आया दिन मतदान का, छोड़ो सारे काम
आया दिन मतदान का, छोड़ो सारे काम
Dr Archana Gupta
20)”“गणतंत्र दिवस”
20)”“गणतंत्र दिवस”
Sapna Arora
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
manjula chauhan
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
DrLakshman Jha Parimal
आंख खोलो और देख लो
आंख खोलो और देख लो
Shekhar Chandra Mitra
क्या दिखेगा,
क्या दिखेगा,
pravin sharma
छह घण्टे भी पढ़ नहीं,
छह घण्टे भी पढ़ नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कोई नयनों का शिकार उसके
कोई नयनों का शिकार उसके
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...