शांत सा जीवन
शान्त सा जीवन जी कर देखो ।
हंस कर क्रोध को पी कर देखो ।।
रब को अपना करके देखो
उसकी इच्छा से जी कर देखो ।।
जीवन कितना शेष है इनमें ।
हर क्षण को तुम जी कर देखो ।।
चाहें सुख हो चाहें दुःख हो ।
भाव सभी तुम जी कर देखो ।।
हाथ तुम्हारे कुछ आ जाये ।
समय के पन्नों को सी कर देखो ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद