शांति
🦚
शांति
****
चिंगारी अंगार बनी तो , दहकेगी ज्वाला भड़केगी ,
तुम भी बचे न रह पाओगे, विकट रूप धर कर धधकेगी ,
वैरी यूँ मत बनो शांति के, शांत रहो सबको रहने दो ,
जियो और जीने दो की तब, शीतल जग में ब्यार बहेगी ।।
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’
***।
🪷🪷🪷