शहीद हेमू कालाणी
२३ मार्च १९२३ को, सिंध के सखर जिले में जन्मे थे
बचपन में ही,देश भक्ति के संस्कार पनपे थे
१९४२ के आंदोलन में, बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया
गोरी पलटन की गाड़ी गिराने,फिसप्लेट निकालते हुए गिरफ्तार किया
२१ जनवरी १९४३ को, फांसी के फंदे पर टांग दिया
फन्दे की ओर बढ़ते हुए,हेमू कालाणी ने कहा
अब सहन नहीं, अंग्रेज सरकार अहा
मुझे गर्व है तुच्छ शरीर को, भारत माता के चरणों में चढ़ाते हुए
वंदे मातरम, इन्कलाब जिंदाबाद, चढ़ गए फंदे पर गाते हुए
अमर शहीद के चरणों में, लाखों प्रणाम समर्पित हैं
दिल में हेमू कालाणी जिंदा हैं, श्रंद्धाजलि अर्पित है