Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 2 min read

शहीद की अंतिम यात्रा

माता खड़ी खिड़की के पास
अत्यंत दुःखी चीत्कार कर रही…
दरवाजे पर खड़ी बहना
रो रो दहलीज भींगो रही।

वृद्ध पिता की कमजोर आंखे
बेटे का रास्ता निहार रही है..
भैया का धीरज टूट रहा
अनुज के अंतिम यात्रा की घड़ी आ रही है |

आज लौट रहा उस घर का दीपक
अपना सर्वोच्च बलिदान दे कर के..
वीरता की परिसीमा पार किया उसने
शहीदों में अपना नाम जोड़ के |

अब घर पे श्रद्धांजलियो का सिलसिला चल रहा है
नौजवान के अंतिम दर्शन को भारी भीड़ उमड़ रहा है |
कुछ संभालने वाले सांत्वना दिए जा रहे हैं
गर्व करने कराने की बात किए जा रहे हैं ।

पर मां.. मां तो कुछ बोल ही नहीं रही
आंसुओ के सिवाय उसके पास कुछ है भी नही।

फफक फफक कर रो रही माता
रट लगाए जा रही बेटे के नाम को
अपार दर्द दुःख दर्शा रहा ये विलाप
झकझोर रहा भीड़ तमाम को।

आज बहना का केवल भाई ही नही शहीद हो लौटा है
रक्षाबंधन का एक हिस्सा उससे अलग हो टूटा है।

आंखो से बहते अनवरत आंसू उसका दुःख कह रहे हैं
भाई की यादें- बातें, बस मोती बन कर बह रहे हैं।

रक्षा की जो सबसे मजबूत कड़ी थी
इस बार भी मैंने वो राखी भेजी थी

फिर क्यों…क्यों भाई मेरा शहीद बन लौटा है
कई सवालों ने बहना के कोमल हृदय को कचोटा है।

वही बाहर खड़ा पिता कहे भी तो क्या कहे
अब वो शहीद का पिता है।
कायल हुआ दुश्मन भी जिसकी बहादुरी की
उसका बचपन तो इन्ही कंधो पे खेलते बीता है।

रुक रुक कर आता आंसुओं का सैलाब, वो मन में आहे भरता है।
एक क्षण गर्व करता तो है पर दूसरे में रोने लगता है।

कहता उनका अंतर्मन, काश तू सही सलामत वापस आता
अपने बहादुरी के किस्से अपने लबों से सुनाता
बेटे मेरे, मै सुकून भरे वो पल जीना चाहता था
यूं तुझे कंधा देकर मैं मरना नहीं चाहता था।

भैया भी खड़े वही,
अपने छोटे के कारनामे सुनते जाते है
करते कोशिश मां – पिता को संभालने की,
पर अपने को नही संभाल पाते हैं

हृदय में दर्द भरा, नैन भी दिखते सजल है
तिरंगे में लिपट आया है जो, भाई नही वो आत्मबल है।
कहते – भाई तेरी शहादत पर फक्र मैं करता हूं
तेरा अग्रजत बन कर भी, तुझको नमन करता हूं।

अब कर रहा वो महावीर महाप्रस्थान,
सारे रिश्ते नाते छोड़कर।
माता पिता के अधुरे सपने लिए और
बहना का रक्षासूत्र तोड़ कर ।

उसके गांव, वो बगीचे – पगडंडिया सब वियोग में व्यथित हैं
जा रहा जो तिरंगा ओढ़ के, वो उनका अविस्मरणीय अतीत है।

पंच तत्व में विलीन हुआ पंच महाभूतो का विशेष संयोजन
जन्मभूमी भी धन्य हुई, सुन अपने शहीद बेटे के नाम का गुंजन

1 Like · 1 Comment · 99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बोल दे जो बोलना है
बोल दे जो बोलना है
Monika Arora
*बस मे भीड़ बड़ी रह गई मै खड़ी बैठने को मिली ना जगह*
*बस मे भीड़ बड़ी रह गई मै खड़ी बैठने को मिली ना जगह*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*अयोध्या के कण-कण में राम*
*अयोध्या के कण-कण में राम*
Vandna Thakur
" सुनो "
Dr. Kishan tandon kranti
!! शिव-शक्ति !!
!! शिव-शक्ति !!
Chunnu Lal Gupta
नवरात्रि (नवदुर्गा)
नवरात्रि (नवदुर्गा)
surenderpal vaidya
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
बाल दिवस पर बच्चों की विवशता
बाल दिवस पर बच्चों की विवशता
Ram Krishan Rastogi
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
Harminder Kaur
हुई बात तो बात से,
हुई बात तो बात से,
sushil sarna
कत्ल खुलेआम
कत्ल खुलेआम
Diwakar Mahto
छोटे दिल वाली दुनिया
छोटे दिल वाली दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
मेरे भी दिवाने है
मेरे भी दिवाने है
Pratibha Pandey
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*अजब है उसकी माया*
*अजब है उसकी माया*
Poonam Matia
स्वतंत्र नारी
स्वतंत्र नारी
Manju Singh
अरे ! मुझसे मत पूछ
अरे ! मुझसे मत पूछ
VINOD CHAUHAN
زندگی کب
زندگی کب
Dr fauzia Naseem shad
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
VEDANTA PATEL
संवेग बने मरणासन्न
संवेग बने मरणासन्न
प्रेमदास वसु सुरेखा
माता- पिता
माता- पिता
Dr Archana Gupta
Somebody asked why people out there dont understand the valu
Somebody asked why people out there dont understand the valu
पूर्वार्थ
चाहत मोहब्बत और प्रेम न शब्द समझे.....
चाहत मोहब्बत और प्रेम न शब्द समझे.....
Neeraj Agarwal
शाश्वत प्रेम
शाश्वत प्रेम
Shashi Mahajan
आँखों में कुछ नमी है
आँखों में कुछ नमी है
Chitra Bisht
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
*आज का संदेश*
*आज का संदेश*
*प्रणय*
समस्याओं से भागना कायरता है
समस्याओं से भागना कायरता है
Sonam Puneet Dubey
घर वापसी
घर वापसी
Aman Sinha
Loading...