100. शहीदों की शहादत
नेताओं की गुलामी ने,
शेरों की दी कुर्बानी ।
भारत माँ के वीर सपूतों,
सुनलो मेरी कहानी ।।
आजाद भगत सुबास के जैसे,
कितने ही वीर गँवायें ।
जिसने लूटा देश को मेरे,
हम उसे प्रधान बनाये ।।
खून खौलता और दिल जलता है,
किसे हम हाल बतायें ।
कोई न सुनता सब चुप रहता,
दिल मेरा घबराये ।।
अच्छे लोग बुरे बन जाते,
ऐसा चलता क्लास ।
बुरे को अच्छे दिखने का,
होता है प्रयास ।।
गद्दारों की टोली में,
देशभक्ति रास न आये ।
गद्दारों ने मिलकर तुझसे,
गद्दारी करवाये ।।
शहीदों की शहादत को,
लोग यहाँ भूल जाये ।
जिसके दम पर मिली आजादी,
उसे सौ बात सुनाये ।।
जवानों की अर्थी लेकर वो,
माँ भारती के नारे लगाये ।
जबतक जिंदा रहते हमलोग,
कोई दुःख दर्द समझ ना पाये ।।
भ्रष्टाचार में डूबकर भी,
झूठी देशभक्ति अपनाये ।
दिल में चोर है फिर भी मित्रों,
जयघोष के नारे लगाये ।।
गद्दारों के समर्थन में तूने,
जवानों की भेंट चढ़ाई ।
ऐसा करके मिला क्या तुझको,
बता तेरी कितनी हुई कमाई ।।
नेताओं की गुलामी में आज,
फिर से जवान शेरों ने दी कुर्बानी ।
भारत माँ के वीर सपूतों,
तूने ये की कैसी दरवानी ।।
पद पैसों के लालच में अपनी,
जान भी तूने गँवायें ।
ऐसा करने से मिला क्या तुमको,
क्या क्या तुमने कमाये ।।
कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 14/01/2021
समय – 11 : 35 ( सुबह )
संपर्क – 9065388391