शहीदे आज़म भगत सिंह
शहीदे आज़म भगत सिंह
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आओ याद करें कुर्बानी,भगत सिंह महान की
देश के ऊपर जान वार दी,वीर सुत महान की
बंगा में जन्म लिया, किशन सिंह का लाल था
विद्यावती कोख से जन्मा, भारत वर्ष लाल था
जन जन गाथा गाएगा,शहीदे आज़म कुर्बान की
देश के ऊपर जान वार दी,वीर सुत महान की
जलियांवाला कांंड खबर सुन मन हुआ व्यथित
बारह वर्ष अल्पायु में,देश सेवा में हुआ समर्पित
देश खातिर निज खुशियाँ वारी,सपूत महान की
देश के ऊपर जान वार दी ,वीर सुत महान की
नौजवान भारत सभा बना, ली थी नई अंगड़ाई
काकोरी कांड से कुंठित हो,कर दी शुरू लड़ाई
चंद्रशेखर संग लड़ी लड़ाई,भारतवर्ष महान की
देश के ऊपर जान वार दी ,वीर सुत महान की
आजादी संग प्रीत लगाई,फांसी का चूमा फंदा
देश आजाद कराने में हँसते हुए झूला था फंदा
अमर सदा यदा रहेगी गाथा,सच्चे बलिदान की
देश के ऊपर जान वार दी, वीर सुत महान की
सुखदेव,राजगुरु संग जब फांसी सजा सुनाई
भगत सिंह की आँखों में चमक आजादी आई
आजादी अलख जगाती,भगत सिंह कुर्बान की
देश के ऊपर जान वार दी,वीर सुत महान की
बटुकेश्वर दत्त संग बम फैंकने की योजना बनाई
असेंबली में बम फैंक अंग्रेजों में दशहत फैलाई
भागे नहीं समर्पण किया ,सलामी सूझवान की
देश के ऊपर जान वार दी, वीर सुत महान की
23 मार्च 1931को जब फाँसी पर लटकाया था
मेरा रंग दे बंसती चोला ,भगत सिंह ने गाया था
सतलुज नदी अमर हूई निशानी पा बलिदान की
देश के ऊपर जान वार दी, वीर सुत महान की
आओ याद करें कुर्बानी, भगत सिंह महान की
देश के ऊपर जान वार दी, वीर सुत महान की
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)