शहर कितना भी तरक्की कर ले लेकिन संस्कृति व सभ्यता के मामले म
शहर कितना भी तरक्की कर ले लेकिन संस्कृति व सभ्यता के मामले में अभी गाँव का मुकाबला नहीं कर सकता। उसी तरह कोई चाहे जितना भी धनवान क्यों न हो जाए एक गरीब की सेवा, ईमानदारी व प्रेम के आगे कभी अमीर नहीं हो सकता।
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार