शर्माया चाँद
सूरज ढल गया,
चाँद शर्माता हुआ आया l
कितनी ठंडक और राहत,
दिल को मिली..
आकाश भी इतरा रहा,
देखो न नीला सा l
तारे, सितारें भी,
देखो न टिमटिमाने लगे l
हे चाँद, तु मेरे,
दिल का अरमान है l
तु आया, तो सारी,
बारात भी साथ लाया l
#मैं_बन_जाऊं_क्या_तेरी_दुल्ह