*वैज्ञानिक विद्वान सबल है, शक्तिपुंज वह नारी है (मुक्तक )*
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
मरूधर रा मिनखं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
सब कुछ यूं ही कहां हासिल है,
जागी आँखें गवाही दे देंगी,
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"चार पैरों वाला मेरा यार"
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – गर्भ और जन्म – 04
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
बेटलिंग बेगमो के इर्दगिर्द घूमती बांग्लादेश की राजनीति ✍️
रातों में यूं सुनसान राहें बुला रही थी,
*आज बड़े अरसे बाद खुद से मुलाकात हुई हैं ।
अंदर तेरे शक्ति अगर गंभीर है
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
समझो साँसो में तेरी सिर्फ मैं हूँ बसाँ..!!
जब से दिल संकरे होने लगे हैं