Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

शर्मशार इंसानियत और मणिपुर

क्यों मणिपुर आज शर्मसार है, क्यों नारी आज लाचार है, किस नींद में सोए है वो राजा, जो कहते थे मेरे लिए तो सब कुछ बेटियो
का सम्मान है।
क्यों रौंदा जाता है नारी का सम्मान बार बार
क्यों नारी होती इन दरिंदो का शिकार बार बार कैसे सड़को पर हुआ ये नंगा नाच क्या कर रहे थे वहा के खेवनहार
चुप रहकर यूं ना तुम ये पाप करो इस हस्तिनापुर के ना तुम धृतराष्ट्र बनो करो कुछ ऐसा की दोबारा ये नंगा नाच ना हो इंसानियत कभी इतनी उदास ना हो
खीच के खाल उनकी टंगवा दो चौराहों पर बना कर के नपुंसक छोड़ दो इन राहों पर हर दिन वो मृत्यु मांगे, हर पल उनका तिरस्कार हो तरस जाए मृत्यु को पर उससे भी उनका सरोकार ना हो करो कुछ ऐसा जो इन दुशाशनो के लिए ना टूटने वाली जंजीर बने देखे ये जहां,फैसला तुम्हारा नजीर बने।
Akash RC Sharma✍️©️

Language: Hindi
2 Likes · 41 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"बस्तरिया लांदा"
Dr. Kishan tandon kranti
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#बस_भी_करो_बादलों!
#बस_भी_करो_बादलों!
*प्रणय प्रभात*
दहेज ना लेंगे
दहेज ना लेंगे
भरत कुमार सोलंकी
श्रीराम
श्रीराम
सुरेखा कादियान 'सृजना'
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
शेखर सिंह
न दें जो साथ गर्दिश में, वह रहबर हो नहीं सकते।
न दें जो साथ गर्दिश में, वह रहबर हो नहीं सकते।
सत्य कुमार प्रेमी
काव्य की आत्मा और रागात्मकता +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रागात्मकता +रमेशराज
कवि रमेशराज
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
Rj Anand Prajapati
आँगन मधुबन करते जाओ
आँगन मधुबन करते जाओ
Ashok deep
मेरी शान तिरंगा है
मेरी शान तिरंगा है
Santosh kumar Miri
बसंत
बसंत
Lovi Mishra
धार्मिक सौहार्द एवम मानव सेवा के अद्भुत मिसाल सौहार्द शिरोमणि संत श्री सौरभ
धार्मिक सौहार्द एवम मानव सेवा के अद्भुत मिसाल सौहार्द शिरोमणि संत श्री सौरभ
World News
दिल्ली की बिल्ली
दिल्ली की बिल्ली
singh kunwar sarvendra vikram
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
ruby kumari
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
Ajit Kumar "Karn"
प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी
प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी
प्रेमदास वसु सुरेखा
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
बदलाव जरूरी है
बदलाव जरूरी है
Surinder blackpen
सुविचार
सुविचार
Sunil Maheshwari
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बदले-बदले गाँव / (नवगीत)
बदले-बदले गाँव / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Tum ibadat ka mauka to do,
Tum ibadat ka mauka to do,
Sakshi Tripathi
तुम बस ज़रूरत ही नहीं,
तुम बस ज़रूरत ही नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल में रह जाते हैं
दिल में रह जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
*जो खान-पान में चूक गया, वह जीवन भर पछताएगा (राधेश्यामी छंद
*जो खान-पान में चूक गया, वह जीवन भर पछताएगा (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
अलविदा कह कर दिल टूट गया....
अलविदा कह कर दिल टूट गया....
Surya Barman
हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हरवंश हृदय
🤣🤣😂😂😀😀
🤣🤣😂😂😀😀
Dr Archana Gupta
अनौठो_संवाद (#नेपाली_लघु_कथा)
अनौठो_संवाद (#नेपाली_लघु_कथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Loading...