शरद पूर्णिमा
आज रात को
निकलेगा पूनम
चाँद फिर से
चारों दिशाएँ
महक उठे तब
सुधा रस से
चाँद गगन
में जो दिखाई देगा
डॉ मधु त्रिवेदी
देखूँगी जब
छवि प्रिय की
पा कर सहज ही
होऊँगी धन्य
चाँद वो प्यारा
सबसे ज्यादा मुझे
लगता आज
डॉ मधु त्रिवेदी