शरद पूर्णिमा(गीत)
चाँदनी में नहाती हुई रात है ।
चाँद में आज कुछ खास ही बात है ।
चाँद है आज सोलह कलायें लिये ,
लग रहा जल उठे हो हज़ारों दिये।
रूप ऐसा कि नजरें नहीं हट रहीं,
हो अमिय की रही आज बरसात है ।….
चाँदनी में नहाती हुई रात है ।
चाँद में आज कुछ खास ही बात है।
झिलमिलाते सितारों रहें हैं दमक,
हो रही बावरी रातरानी महक।
दिख रहा चाँद पूरा शरद का हमें,
खूबसूरत बड़ी ये मुलाकात है।……
चाँदनी में नहाती हुई रात है ।
चाँद में आज कुछ खास ही बात है ।
साफ हो मन सदा रोशनी की तरह,
शांत शीतल धवल चाँदनी की तरह।
‘अर्चना’ आज इसकी सभी कर रहे,
ये हमारे लिए एक सौगात है। ….
चाँदनी में नहाती हुई रात है ।
चाँद में आज कुछ खास ही बात है ।
14-10-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद