Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2024 · 2 min read

शरद काल

निशा से चला –
सारें दिशाओं से चला ;
पाला लिऐ पवन ,
ठिठुर रहा रज़ाई –
सारी रात –
ठिठुर के रज़ाई में लूँ अँगड़ाई ।

जल्दी से उठो सूरज भाई –
रात भर जग –
ठिठुर कर सोया हूँ ,
हो गया भोर –
आग तापते वहाँ – वहाँ ;
आग जले जहाँ – जहाँ ,
काम सब छोड़कर –
वार्तालाप में जोड़कर ,
बेला बीताते सब –
भाई तू दमक – धमक से चमकेगा कब ,
हो गया भोर –
दुनिया को मत बना कामचोर ।

ठिठुरा रात भर –
रज़ाई से गहरा नाता है ,
रज़ाई को नही छोड़ना –
सोने को भाता है ,
उठा मैं ने जिस पल –
देखा नव पल्लव पल ,
डालियाँ – कलियाँ – पुष्प कोमल ;
पाला उस को संकट में डाला ,
आ गये हैं सब के अंत काल ,
भयावह है शरद काल ।

रहे नहीं पुष्पों में मुस्कान –
निकल रहे प्राण ;
बाप रे कितना ठंडा –
कैसी शरद काल ,
मैं ही अपना डालूँगा –
पुष्पों में प्राण ,
पुष्पों से जग को जगमगा दूँगा ,
काँटों से प्रेम अमृत सींच दूँगा ,
यही हैं अभिलाषा हमारा –
पुष्पों से चमके जग सारा ।

पुष्पों की कोमल पंखुड़ियों में –
मैं अपना उर की कविता लिख दूँगा ;
खिले पुष्पों की सुगंधित में –
तुकांत में छंद में ;
होगा लिखा कविता हमारा ।

पुष्पों ने हँस के बोली –
उर में छिपी अभिलाषा खोली ,
चाहे जितनी भी हो सुरबाला –
ना बनूँ गूँथ के उसकी माला ;
भले हो आशिकों की जोड़ी ,
हो कितनी भी प्यारी –
हे प्रेम प्रिया !
ना बनूँ इज़हार की जरिया ,
भारत माता के लिए –
गये प्राण जिनके –
चरणों को पूजू हँस के ,
गले में चढ़ूँ बन के माला ;
डालों से तोड़ लेना –
वीर शहीदों के सजदा के लिए ;
डाल से टूट के –
भले चले जाये मेरा प्राण ।

रतन किर्तनिया
पखांजूर
जिला :- कांकेर
छत्तीसगढ़

Language: Hindi
92 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुझ से ऐ जालिम
तुझ से ऐ जालिम
Chitra Bisht
ये दौलत भी लेलो ये सौहरत भी लेलो
ये दौलत भी लेलो ये सौहरत भी लेलो
Ranjeet kumar patre
जहां शिक्षा है वहां विवेक है, ज्ञान है।
जहां शिक्षा है वहां विवेक है, ज्ञान है।
Ravikesh Jha
मुझे पतझड़ों की कहानियाँ,
मुझे पतझड़ों की कहानियाँ,
Dr Tabassum Jahan
हिन्दी सूरज नील गगन का
हिन्दी सूरज नील गगन का
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
नजर और नजरिया
नजर और नजरिया
Dr. Kishan tandon kranti
चले ससुराल पँहुचे हवालात
चले ससुराल पँहुचे हवालात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
क्या आसमां और क्या जमीं है,
क्या आसमां और क्या जमीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुप्रभातम / शुभ दिवस
सुप्रभातम / शुभ दिवस
*प्रणय*
You lose when you wish to win.
You lose when you wish to win.
पूर्वार्थ
दूसरा मौका
दूसरा मौका
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
कुंडलिया. . .
कुंडलिया. . .
sushil sarna
"हृदय में कुछ ऐसे अप्रकाशित गम भी रखिए वक़्त-बेवक्त जिन्हें आ
गुमनाम 'बाबा'
इज़्ज़त पर यूँ आन पड़ी थी
इज़्ज़त पर यूँ आन पड़ी थी
अरशद रसूल बदायूंनी
कौन सा जादू टोना करते बाबा जी।
कौन सा जादू टोना करते बाबा जी।
सत्य कुमार प्रेमी
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
लक्ष्मी सिंह
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
Rituraj shivem verma
बस अणु भर मैं
बस अणु भर मैं
Atul "Krishn"
4069.💐 *पूर्णिका* 💐
4069.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मां
मां
Dr. Shakreen Sageer
जीवन पथ
जीवन पथ
Dr. Rajeev Jain
मौत ने पूछा जिंदगी से,
मौत ने पूछा जिंदगी से,
Umender kumar
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बेटियां अमृत की बूंद..........
बेटियां अमृत की बूंद..........
SATPAL CHAUHAN
हिन्दी
हिन्दी
Dr.Pratibha Prakash
🚩एकांत महान
🚩एकांत महान
Pt. Brajesh Kumar Nayak
पीयूष गोयल के २० सकारात्मक विचार.
पीयूष गोयल के २० सकारात्मक विचार.
Piyush Goel
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन
मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन
डॉ.सीमा अग्रवाल
*रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)*
*रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...