शयनकक्ष श्री हरि चले, कौन सँभाले भार ?। शयनकक्ष श्री हरि चले, कौन सँभाले भार ?। भक्त खड़े अर्जी लिए, शिव शंकर के द्वार।। © सीमा अग्रवाल