शब्द शब्द में ब्रहम हो —आर के रस्तोगी
शब्द शब्द में ब्रह्म हो ,
शब्द शब्द में हो सार |
शब्द सदा ऐसा कहो,
जिससे उपजे हो प्यार ||
शब्दों में जरा मीठापन हो ,
उसमे कभी न हो खार |
शब्दों से सब रिश्ते बनते ,
शब्दों से मिलता है दुलार ||
शब्दों से होते लड़ाई झगड़े ,
शब्दों से फैलता है दुराचार |
शब्दों से ही अपशब्द बनता ,
जो है लड़ाई का बड़ा यार ||
शब्दों से तुम शत्रु बना लो ,
शब्दों से शत्रु को तुम यार |
शब्दों की बड़ी महिमा है ,
शब्दों का बड़ा ही सार ||
शब्द से ही निशब्द हो जाते ,
वाणी को मिल जाता विराम |
शब्द ही एक ऐसी छड़ी है ,
जिससे बनते बिगड़े काम |
शब्दों में सच्ची भक्ति है ,
शब्दों में ही राम का नाम |
शब्दों में वे सब शक्ति है
जिसको करते सब प्रणाम ||
शब्दों से ही भाषण बनता ,
शब्दों से ही आकर्षण बनता |
शब्दों से ही सब नेता बनते
जिससे सारा देश है चलता ||
शब्दों के कारण बाजपेयी आये ,
शब्दों से ही मोदी सब पर छाये |
शब्दों की ये देखो महिमा निराली ,
दोनों हो देश के पी एम बन पाये ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)
मो 9971006425