शब्द मेरे
शब्द मेरे बन गये , धार और आधार भी
शब्द मेरे तैरते से , काव्य की पतवार भी
शब्द बिन तो लेखनी , भी हो गई है मौन सी
शब्द बन गये ढाल , हृदयबेघी मार भी
शब्द मेरे बन गये , धार और आधार भी
शब्द मेरे तैरते से , काव्य की पतवार भी
शब्द बिन तो लेखनी , भी हो गई है मौन सी
शब्द बन गये ढाल , हृदयबेघी मार भी