शब्द भेदी बाण
दशरथ
निपुण था
शब्द भेदी बाण चलाने में
शब्द सुनकर
कौशलपूर्ण
अनुमान लगाने में
और अपने लक्ष्य को
भेद जाने में
और
इसी निपुणता का
बन गया था शिकार
श्रवण कुमार
रोक लो
सुने हुए शब्दों के अनुमान पर
चलते हुए बाण
इतिहास देता है वजह
और तुम तो
निपुण भी नहीं हो
दशरथ की तरह