शब्द पिरामिड
शब्द पिरामिड
अमृत
गंगा सागर
निर्मल पावन जल
पाप काटता मोक्ष प्रदाता
मन मोहक सुन्दर लहरें उठती
सबको गले लगाते नित आती जातीं
एक बार गंगा सागर देखन अवश्य जाना।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
शब्द पिरामिड
अमृत
गंगा सागर
निर्मल पावन जल
पाप काटता मोक्ष प्रदाता
मन मोहक सुन्दर लहरें उठती
सबको गले लगाते नित आती जातीं
एक बार गंगा सागर देखन अवश्य जाना।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।