शब्दों की मर्यादा
शब्दों की मर्यादा
कुछ कहें ,कुछ अनकहे
कुछ सुकून भरे,कुछ दर्द लिए।
सब समझे,सब जाने
सब पहचाने,कहे बिन न माने।
शब्दों की माया,शब्द ही जाने
बिन शब्दों के,कैसे पहचाने?
अच्छा बुरा,सही गलत
अपना पराया,शब्द से आया।
शब्दों का भंडार,न कोई पारावार
जितना घुसोगे,उतना ही बढ़ोगे।
शब्द ही जीवन,शब्द ही जीवन का सार
शब्दों के सार में है बस प्यार ही प्यार।
शब्दों की मर्यादा, कहती हर बार
बस, बोलने से पहले,तोलो हर बार!!!!
नीरजा शर्मा