-शब्दों की कहानी
शब्दों की होती हैअपनी कहानी,
शब्दों से ही बनती है वाणी,
कभी होती है रूहानी तो कभी बेगानी,
मधुर वाणी नवनीत-सी लिए
लिपट जाती है सीने में लगाव बन के,
कठोर वाणी खंजर-सी धार लिए
बस जाती है दिल में घाव बनके
कभी गर्म हवा तो कभी
ठंडी छांव बनकर सहलातीहै
कभी युद्ध का कारण बन जाती है
कभी युद्ध विराम का ऐलान कर जाती है,
‘सीमा’ कहे सूरत सुंदर ना हो बेशक
सुंदर हो वाणी का हर शब्द,
खुद को तो शीतल करती है
औरौ को के कानों में भी मधुर रस घोलती है।।
– सीमा गुप्ता