शब्दसृजन
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शब्द विलोम शब्द
सड़क राह ,संपर्क
माप अमाप ,छापा
आपदा अनापत्ति ,खुशी आपत्ति
व्यामोह तकदीर निर्मोह
बडवानल कामाग्नि दावानल ज्वाला
भँवर कूल ,किनारा
बवंडर भँवर अंधड
छंद मुक्त
नम थी रेत पाँव के नीचे ,चली जा रही उसी *राह आँख मींचे
छूट रही थी *छाप गहरी मरुथल में ,बह रही जल धार हो नीचे ।
न थी कोई *खुशी न थी *आपत्ति ,विस्मृत थी खुद से जैसे विपत्ति
*तकदीर से भी न लड सकी चाहते हुये ,छूट रही जैसे संपत्ति।
आतुर था मिलने को चातक सा मन दहक रही थी *मन *ज्वाला
चंचल स्त्रोत सी बही जा रही थी छूट रहा था हर वो *किनारा।
उत्ताल तरंगों से विचलित थी नभ की चपल तरंगिणि विद्युत रेखा
धूल भरे अंधड़ ने मानों धुंधलाकर दिया पथ सलोना अनदेखा
मनोरमा जैन पाखी
स्वरचित