वक़्त-वे-वक़्त
यूं वक्त दिल को तेरी ही याद आई है ..
वक्त-वे-वक्त मुझे तेरी याद बहुत रुलाई है…
देखे तुझे एक लम्बा वक्त बीत गया ,
वक्त के साथ दिल अकेले रहना सीख गया |
कमबख़्त यह दिल भी कितना नादान है …
जिसके पास तुम्हारे लिये वक्त नही ,
उसके लिए परेशान है ।
हर वक्त बस तेरी याद है दिल में,
मेरा दिल दुनिया से अनजान है ||
क्यूँ हर वक्त दिल को तेरी ही याद आई है….
वक्त-वे-वक्त मुझे तेरी याद बहुत रुलाई है…..
याद करो ! तुमने हमारा साथ निभाने कि कस्में खाई है।
तेरे बिन हमारे नसीब में तेरी यादें और तन्हाई है ।।।
@भागीरथ प्रजापति