Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jul 2016 · 1 min read

वक़्त के साथ चले

खुला आंसमा में आज़ाद उड़े
आओ हम अपना तक़दीर लिखे
चले गए बचपन के दिन यारो
आओ कुछ कर दिखाने को ठाने
वक़्त के साथ चले ………..

युवा शक्ति हम देश के
विकास की नयी पथ बनाएँ
खुशहाली हो चारो ओर
इस जमीं को स्वर्ग बनाएँ
वक़्त के साथ चले ………..

न रुठेंगे तक़दीर न रुठेंगे सपने
कहते है मेहनत से
यहाँ सबकुछ मिलता है
बेवजह कोई बहाना न करे
वक़्त के साथ चले ………..

आशा की डोर हम न तोड़े
कर्तव्य से पीछे न हटे
आओ करे खूब मेहनत
जीत की परचम लहराए
वक़्त के साथ चले ………..

अतीत न भविष्य वश में
आज को बर्बाद न करे
पथ की काँटों को उखाड़ फेंके
चाँद के भी पार चले
वक़्त के साथ चले ……….

सपने भी होंगे अपने एकदिन
अटल साहस अपने पास रखे
झुक जायेगा आसमान एकदिन
अंदर अपने ज्ञान दीप प्रज्वलित रखे
वक़्त के साथ चले ……

Language: Hindi
567 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शीर्षक:-कृपालु सदा पुरुषोत्तम राम।
शीर्षक:-कृपालु सदा पुरुषोत्तम राम।
Pratibha Pandey
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
Santosh kumar Miri
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
Keshav kishor Kumar
जीवन  के  हर  चरण  में,
जीवन के हर चरण में,
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,
संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,
पूर्वार्थ
चढ़ता सूरज ढलते देखा,
चढ़ता सूरज ढलते देखा,
Satish Srijan
पुलिस की चाल
पुलिस की चाल
नेताम आर सी
पहले आसमाॅं में उड़ता था...
पहले आसमाॅं में उड़ता था...
Ajit Kumar "Karn"
यदि आप नंगे है ,
यदि आप नंगे है ,
शेखर सिंह
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Bansaltrading Company
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
Dr Archana Gupta
शीर्षक: बाबुल का आंगन
शीर्षक: बाबुल का आंगन
Harminder Kaur
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
Manisha Manjari
वर्तमान परिस्थिति - एक चिंतन
वर्तमान परिस्थिति - एक चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नेता जब से बोलने लगे सच
नेता जब से बोलने लगे सच
Dhirendra Singh
नेम प्रेम का कर ले बंधु
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
" क्यूँ "
Dr. Kishan tandon kranti
कह गया
कह गया
sushil sarna
नारी..... एक खोज
नारी..... एक खोज
Neeraj Agarwal
" REMINISCENCES OF A RED-LETTER DAY "
DrLakshman Jha Parimal
सत्य से विलग न ईश्वर है
सत्य से विलग न ईश्वर है
Udaya Narayan Singh
तहजीब राखिए !
तहजीब राखिए !
साहित्य गौरव
धर्म और सिध्दांत
धर्म और सिध्दांत
Santosh Shrivastava
(वक्त)
(वक्त)
Sangeeta Beniwal
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
3) “प्यार भरा ख़त”
3) “प्यार भरा ख़त”
Sapna Arora
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जो हुआ वो गुज़रा कल था
जो हुआ वो गुज़रा कल था
Atul "Krishn"
जिंदगी की राहों मे
जिंदगी की राहों मे
रुपेश कुमार
Loading...