व्यस्त रहते हो
जानता हूं व्यस्त रहते हो
बताया तुमने कई बार
क्या मैं नहीं समझता
तुम्हारी ये सब उलझनें
जो तुम अचानक ही
चैट अधूरी छोड़ देते हो
या बात करते करते
कॉल क्लोज़ कर देते हो
मैं जान जाता हूं तुम्हारी
व्यग्रतायें और प्राथमिकतायें
और कभी मेरे रोकने पर
तुम जो बैचेन होकर
अपनी कलाई देखते हो
मुझे याद आ जाती हैं
तुम्हारी अति व्यस्ततायें
पर सुनो न
जब कभी मैं
इस जिंदगी से कतराऊंगा
तन्हा महसूस कर घबराऊंगा
या किसी के तंज कसने पर
फूटकर रोने लग जाऊंगा
कभी किसी
दुःस्वप्न को सोचकर
तुम्हें खो देने के भय को
जो अपने ख़्याल में लाऊंगा
तब सिर्फ़ कुछ पल के लिए
तुम समय निकाल लोगे न?
तुम आओगे न?