“वो हसीन खूबसूरत आँखें”
“वो हसीन खूबसूरत आँखें”
रह-रह कर बुलाती मन को हर्षाती
बिन बोले ही बातें लाखों कह जाती
बसते जिसमें अनन्त असीम अहसासें,
वो हसीन खूबसूरत आँखें।
गहराइयों में इसकी बसते हैं समन्दर
आईने छुपा रखती कोई दिल के ही अन्दर
कयामत आ गई पड़ी जब-जब निगाहें,
वो हसीन खूबसूरत आँखें।