Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2021 · 1 min read

136. वो हमसे पराये हो गये

हम जिनका इंतजार किया करते थे,
बड़े शिद्दत से हर खुशी में ।
ना जाने क्यों आज वो,
हमसे पराये हो गये ।।

जिसे काफी चाहा था,
दिलोजान से मैंने,
उसे आज लगते हैं जैसे,
हम किराये के हो गये ।।

हमें जख्म पर जख्म देना,
अब उनकी आदत बन गई ।
डर लगने लगा उनसे हमें,
इसलिये चुप रहने की आदत पड़ गई ।।

परिवार में पाँच लोगों का,
दो समय का खाना बनाना,
अब उनकी मुसीबत बन गई ।
घर में कहलाने वाली वो बहु,पत्नी और माँ,
ना जाने कैसे क्यों वो निर्दयी बन गई ।।

उसे अपनों के साथ,
समय गुजारना अच्छा नहीं लगता ।
घर के लोग भले तरस जायें, बातें करने को,
पर औरों को तरसाना अच्छा नहीं लगता ।।

सास ससुर पति और बच्चा,
उन्हें अब सब पराये लगते हैं ।
उसे पापा मम्मी भाई बहन और जीजा ही,
केवल अपने दिखते हैं ।।

सालगिरह वो मनाती हैं ऐसे,
पति उनका मर गया हो जैसे ।
उन्हें सालगिरह मनाने से,
फायदा क्या होता है ।
जब पति के लिए उसे,
तनिक समय ही नहीं मिलता है ।।

सती हो या सावित्री,
ऐसी तो नहीं होती होंगी ।
जो अपने पति को,
तिल तिल कर रूलाती होंगी ।
उससे प्यार और उसका इंतजार करने के बजाए,
चुपचाप जाकर कमरे में सो जाती होंगी ।।

कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 12/06/2021
समय – 11:06 ( रात्रि)
संपर्क – 9065388391

Language: Hindi
209 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"भावुकता का तड़का।
*Author प्रणय प्रभात*
*तोता (बाल कविता)*
*तोता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
तू सहारा बन
तू सहारा बन
Bodhisatva kastooriya
हैप्पी होली
हैप्पी होली
Satish Srijan
अज़ीब था
अज़ीब था
Mahendra Narayan
हमारी काबिलियत को वो तय करते हैं,
हमारी काबिलियत को वो तय करते हैं,
Dr. Man Mohan Krishna
आप और हम जीवन के सच .......…एक प्रयास
आप और हम जीवन के सच .......…एक प्रयास
Neeraj Agarwal
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
Shweta Soni
मन को आनंदित करे,
मन को आनंदित करे,
Rashmi Sanjay
बूझो तो जानें (मुक्तक)
बूझो तो जानें (मुक्तक)
पंकज कुमार कर्ण
माँ महागौरी है नमन
माँ महागौरी है नमन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Sakshi Tripathi
सियासी बातें
सियासी बातें
Shriyansh Gupta
मेरी ख़्वाहिश ने
मेरी ख़्वाहिश ने
Dr fauzia Naseem shad
*हमारा संविधान*
*हमारा संविधान*
Dushyant Kumar
कहाॅं तुम पौन हो।
कहाॅं तुम पौन हो।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
3293.*पूर्णिका*
3293.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
sushil sarna
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
Sukoon
I got forever addicted.
I got forever addicted.
Manisha Manjari
साईं बाबा
साईं बाबा
Sidhartha Mishra
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
मेरी हैसियत
मेरी हैसियत
आर एस आघात
हनुमानजी
हनुमानजी
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
जरूरत के हिसाब से ही
जरूरत के हिसाब से ही
Dr Manju Saini
रम्भा की ‘मी टू’
रम्भा की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माँ!
माँ!
विमला महरिया मौज
देखिए
देखिए "औरत चाहना" और "औरत को चाहना"
शेखर सिंह
पुकार
पुकार
Dr.Pratibha Prakash
मज़दूरों का पलायन
मज़दूरों का पलायन
Shekhar Chandra Mitra
Loading...