Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2017 · 1 min read

वो रास्ता…..(पियुष राज)

वो रास्ता…

जिस रास्ते से गुजरती थी वो
वो रास्ता मुझे उसकी याद दिलाता है
जब भी गुजरता हूं उस रास्ते से
तो उसका चेहरा मेरी आँखों में आता है

ऐसा लगता है जैसे हम उसके साथ चल रहे है
उस वक़्त जो न कह सके थे वो आज हम कह रहे है

पूरे रास्ते में मुझे बस वो ही नजर आती है
आज भी उसकी याद मुझे बहुत तड़पाती है

दिल करता है काश वो मुझसे कुछ बोले
राज अपने दिल के वो मुझसे खोले

पर बिना कुछ कहे वो मुझसे मुह मोड़ गयी
बीच रास्ते में मुझे अकेला छोड़ गयी

रास्ता तो वही है पर वक़्त वो न रहा
बिछड़कर उससे जाता मैं कहाँ

वो रास्ता तो आज भी उसकी याद दिलाता है
जब भी गुजरता हूं उस रास्ते से
तो उसके करीब होने का एहसास दिलाता है…..

©पियुष राज,दुमका,झारखण्ड ।
(कविता-44) 19/02/2017

Language: Hindi
451 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन
मन
SATPAL CHAUHAN
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
शेखर सिंह
विद्यावाचस्पति Ph.D हिन्दी
विद्यावाचस्पति Ph.D हिन्दी
Mahender Singh
******गणेश-चतुर्थी*******
******गणेश-चतुर्थी*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिन  तो  कभी  एक  से  नहीं  होते
दिन तो कभी एक से नहीं होते
shabina. Naaz
* पहचान की *
* पहचान की *
surenderpal vaidya
जब असहिष्णुता सर पे चोट करती है ,मंहगाईयाँ सर चढ़ के जब तांडव
जब असहिष्णुता सर पे चोट करती है ,मंहगाईयाँ सर चढ़ के जब तांडव
DrLakshman Jha Parimal
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" प्रार्थना "
Chunnu Lal Gupta
🙅एक शोध🙅
🙅एक शोध🙅
*Author प्रणय प्रभात*
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
ज्योति
गीत
गीत
Mahendra Narayan
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर
नूरफातिमा खातून नूरी
वृक्षों का रोपण करें, रहे धरा संपन्न।
वृक्षों का रोपण करें, रहे धरा संपन्न।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
Neelam Sharma
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
Legal Quote
Legal Quote
GOVIND UIKEY
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
राम काव्य मन्दिर बना,
राम काव्य मन्दिर बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कलेजा फटता भी है
कलेजा फटता भी है
Paras Nath Jha
*तैयारी होने लगी, आते देख चुनाव (कुंडलिया)*
*तैयारी होने लगी, आते देख चुनाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
देश के संविधान का भी
देश के संविधान का भी
Dr fauzia Naseem shad
विडम्बना
विडम्बना
Shaily
उसकी एक नजर
उसकी एक नजर
साहिल
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
محبّت عام کرتا ہوں
محبّت عام کرتا ہوں
अरशद रसूल बदायूंनी
मिस्टर जी आजाद
मिस्टर जी आजाद
gurudeenverma198
वही खुला आँगन चाहिए
वही खुला आँगन चाहिए
जगदीश लववंशी
"कुछ तो गुना गुना रही हो"
Lohit Tamta
Loading...