वो यार ढूंढने कहां चले?
वो यार ढूंढने कहां चले?
1) जो हंसने पर हमें रुलाते और रोने पर हमें हंसाते थे
जो खुद तो बचकर निकल लिए मुश्किल में हमें फसाते थे,
जो सही गलत हर बात में ही बस साथ हमारा देते थे,
जो छोटी सी बातों पर पंगे बड़े-बड़े ले लेते थे,
जो उन यारों को ढूंढ निकाले कौन सा रास्ता, कहां चले?
वो यार ढूंढने कहां चले? ………
2) जिनके साथ स्कूल बैग ले हम फरार हो जाते थे,
जिनके कारण हम भी टीचर का शिकार हो जाते थे,
कहने को तो साथ मगर, मुश्किल में सबसे पहले भागे,
जिनके साथ सुबह 10 के स्कूल को 11 बजे जागे,
सच्चे तो बहुत मिले लेकिन, वो गद्दार ढूंढने कहां चले?
वो यार ढूंढने कहां चले?……………
जारी……………..